ज्ञानवापी मस्जिद विवाद

हमारा देश शुरू से ही सम्प्रदायिकता के घेरे में रहा है। यह कोई नई बात नहीं है जब हमारे देश के नेताओं ने अपनी राजनीतिक लाभ के लिए हमारे देश की जनता को मूल मुद्दा जैसे कि महँगाई, शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क , महिला सुरक्षा और विकास जैसे अत्यंत महत्त्वपूर्ण मुद्दे से भटकाकर धर्मिक मुद्दे को हवा देना अपना परम् कर्तव्य समझा है। आपको कुछ समय पूर्व सुप्रीम कोर्ट का फैसला याद होगा जो राममंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर आया था। इस विवाद ने कितने युवाओं की जान ली थी। कितने लोग बेसहारा और कितने दंगे हुए थे। देश में वही माहौल फिर से दुहराने की कोशिश की जा रही है। इस बार बाबरी मस्जिद के जगह पर ज्ञानवापी मस्जिद है। ज्ञानवापी मस्जिद विवाद क्या है? आइये समझते हैं। हिंदुस्तान में जब मुगलों का शासन था तब कई मुगल शासक ऐसे थे जिन्होंने कट्टर थे। जिनका उद्देश्य सिर्फ़ अपने धर्म का प्रचार करना नहीं था। बल्कि उन्होंने कई हिन्दू धर्म के पूजनीय स्थानों को तुड़वाकर वहाँ मस्जिद बनवाया। यह बात किसी से छिपी हुई नहीं है कि वह अत्याचारी शासक थे जिनका सिर्फ एक लक्ष्य था भोली भाली हिन्दू जनता पर कहर बरपाना। यह एक लोकप्रिय...